August 26, 2017

कंचन : बेटी बहन भाभी से बहू तक का सफ़र - 20

“ ऊऊऊः, अब तंग मत करिए. पेल दीजिए पूरा लंड.” मम्मी छूटरो को उचका कर लंड चूत में डालने की कोशिश करती हुई बोली. पापा अपना लंड चूत के कटाव पर रगड़ते रहे और मम्मी को उत्तेजित करते रहे.

“ बस भी कीजिए.! अब और नहीं सहा जा रहा. आपको तो ये दवाई चाहिए थी ना. ले भी लीजिए.”

“ लूँगा मेरी जान, आज तो सारी रात लूँगा.” ये कह कर पापा ने एक ज़ोर का धक्का लगाया. पापा का लंबा मोटा लंड आधा मम्मी की चूत में समा गया.

“ एयाया….आआआः. ऊऊऊऊः….ओई माआअ…….” पापा ने लंड को बाहर खींच कर फिर एक ज़ोर का धक्का लगाया. इस बार तो पूरा लंड मम्मी की चूत को चीरता हुआ जड़ तक अंडर घुस गया. अब पापा के बॉल्स मम्मी की गांद के छेद से रगड़ रहे थे.

“ वी माआअ…..आआआआ, आआआहह! धीरे मेरे राजा धीरे. इतने उतावले क्यों हो रहें हैं. एयेए…..आआआः कहीं भागी तो नहीं जा रही. अभी तो सारी रात बाकी है.”

“सच! सारी रात दोगि?” पापा ने धक्के लगाते हुए पूछा.

“आप लेंगे तो क्यों नहीं दूँगी. आज रात आआआअ…..आआआः….. इतना…. आआ…..आह चोदिए की 15 दिन चोदने की ज़रूरत ना परे.”

“ कविता आज पूरी रात चोद के तुम्हारी चूत फाड़ डालूँगा. बोलो मेरी जान मंज़ूर है?” पापा ने भयंकर धक्के मारते हुए कहा.

“ ओईईई, माआआ….अयाया..ऊऊओ… फाड़ तो आपने सुहाग रात को ही दी थी मेरे रजाआाअ…अयाया ..अब और कैसे फाड़ोगे?”

“ कविता, बीस साल से करीब रोज़ चोद रहा हूँ लेकिन तुम्हारी चूत अभी तक टाइट है. ऐसा लगता है जैसे 16 साल की लड़की की चूत हो”

“ आपका लॉडा है ही इतना मोटा की कोई भी चूत टाइट लगेगी. मैं ही जानती हूँ आपके मूसल ने मेरी चूत का क्या हाल कर दिया है. बीस साल से चोद चोद के इतनी चौड़ी कर दी है की किसी नॉर्मल आदमी का लंड ऐसा लगेगा जैसे कूए में डाल दिया हो”

“ कभी दूसरे आदमी से चुदवाने का दिल नहीं करता तुम्हारा?” पापा ने पूरा लंड बाहर निकाल कर दो तीन ज़ोरदार धक्के मारते हुए पूछा.

“ आआआआहह…..ऊऊओघ…ईइसस्स्स्सस्स…..मार डाला आपने किसी दूसरे के लायक छोड़ी भी है? ऐसा मज़ाक करते आपको शर्म नहीं आती? आपके सिवा मैने आज तक किसी दूसरे मर्द के बारे में कभी सपने में भी नहीं सोचा.”मम्मी गुस्सा करते हुए बोली.मम्मी को मनाने के लिए पापा ने उनके होठों को चूमते हुए कहा,

“ गुस्सा ना करो मेरी जान, मैं तो मज़ाक कर रहा था. हम तुमको अभी खुश कर देते हैं.” ये कह कर पापा ने अपना लॉडा मम्मी की चूत से बाहर खींच लिया. उस मोटे लंबे मम्मी की चूत के रूस में चमकते हुए काले नाग को देख कर तो कंचन की चीख ही निकल गयी. मम्मी की चूत के रस में गीला लॉडा एकदम भयानक लग रहा था. पापा ने फिर से मम्मी की झांतों भरी चूत में मुँह दे दिया और जीभ निकाल कर चाटने लगे. मम्मी की सिसकारियाँ तेज होती जा रही थी. वो चूतर उच्छाल उच्छाल कर अपनी चूत पापा के मुँह पर रगड़ रही थी. आख़िर जब मम्मी से नहीं रहा गया तो बोली,

“ बस करो मेरे राजा. अब चोद कर मेरी चूत की आग ठंडी करो.” पापा ने मम्मी की चूत में से मुँह निकाला और लंड का सुपरा मम्मी की चूत पे रख कर ज़ोरदार धक्का मारा. पूरा 9 इंच का मूसल मम्मी की चूत को चीरता हुआ जड़ तक घुस गया.

“आआआआआ…….आआआआआअ….आआआः, ऊऊ……फ. चोदो मेरे राजा और ज़ोर से चोदो. फाड़ डालो अपनी प्यारी बीवी की चूत.अया ओई माआ……बहुत अच्छा लग रहा है.”

मम्मी पापा के धक्कों का जबाब चूतर उछाल उछाल कर दे रही थी. चूत बुरी तरह गीली थी. मम्मी की चूत से फ़च..फ़च…फ़च ओर मुँह से आआआआ…..ऊओ…ऊऊओफ़ की आवाज़ से पूरा कमरा गूँज़ रहा था. एक घंटे से चुदाई का मादक खेल चल रहा था. फिर पापा के धक्के तेज़ होने लगे और अचानक ही वो मम्मी के ऊपर गिर गये. पापा के लंड ने ढेर सारा वीर्य मम्मी की चूत में उंड़ेल दिया. दो मिनिट के बाद पापा ने मम्मी की चूत के रस और अपने वीर्य में सना लंड बाहर निकाला और मम्मी के होंठों पे रख दिया. काले मोटे लंड पे सफेद सफेद रंग का मम्मी की चूत का रस और उनका अपना वीर्य चिपका हुआ था. मम्मी पापा के 9 इंच लंबे लॉड को जड़ से सुपरे तक चाटने और मुँह में डाल कर चूसने लगी. मम्मी की चूत में से वीर्य निकल कर उनकी गांद के छेद की ओर बह रहा था चूत बुरी तरह से फूल गयी थी और झाँटें गीली हो कर चमक रही थी. मम्मी ने चाट चाट के पापा का लंड साफ कर दिया. मम्मी बोली,

“ आइए, लेट कर थोड़ा आराम कर लीजिए. दवाई मीठी थी ना?”

“ बहुत मीठी थी. अब तो और भी दवाई लेने का मन कर रहा है.” पापा ने मम्मी के बगल में लेटते हुए कहा.

नीलम जो अभी तक चुदाई का नज़ारा देखने में मस्त थी, बोली,

“ कंचन ला मेरे 50 रुपये. देख लिया तेरी मम्मी के पेट का दर्द?”

“ मेरे पास 50 रुपये नहीं हैं.” कंचन शर्त हार के भी बहुत खुश थी क्योंकि शर्त के कारण ही पापा मम्मी की रास लीला देखने को मिली थी.

“ 50 रुपये नहीं हैं तो मैं जैसा कहूँगी वैसा करना पड़ेगा.” नीलम मेरी चूत को सलवार के ऊपर से ही मुट्ठी में भरते हुए बोली.

“ नीलम ये क्या कर रही है ?छोड़ मुझे.” कंचन ने बनावटी गुस्सा करते हुए कहा. किसी ने पहली बार कंचन की चूत पर इस तरह हाथ रखा था. उसे बहुत अच्छा लग रहा था. इतने में नीलम ने कंचन की सलवार का नाडा खोल दिया और सलवार को नीचे खिसका दिया.

“ देख कंचन, 50 रुपये के बदले में मैं तेरी चूत देखना चाहती हूँ और तुझे भी अपनी चूत दिखाउंगी.”

“ प्रॉमिस कर की उसके बाद कुछ नहीं करेगी.” कंचन बोली.

“ उसके बाद क्या कर सकती हूँ ? मेरे पास लंड तो है नहीं जो तुझे चोद सकूँ.” ये कह कर उसने अपनी सलवार भी उतार दी. उसके बाद नीलम ने पहले कंचन का कुर्ता और ब्रा उतार के नंगी कर दिया और फिर खुद भी नंगी हो गयी.

“ हाई राम कंचन ! क्या बड़ी बड़ी चूचियाँ हैं. अरे बाप रे ये झांटें हैं या जंगल? लगता है कभी झाँटें नहीं शेव की. और ये चूतर! सच मैं लड़का होती तो तेरी गांद ज़रूर लेती.” नीलम कंचन की चूत के जंगल में हाथ फेरने लगी. कंचन की चूत तो पहले से ही बहुत गीली थी. नीलम के चूत मसल्ने से कंचन का बुरा हाल था. उसकी चूत का रस उसकी झांतों और नीलम के हाथों को गीला कर रहा था. नीलम की चूचियाँ छ्होटी थी. चूत पर एक भी बाल नहीं था. लगता था शेव करती थी. उसने कंचन का हाथ पकड़ के अपनी चूत पर रख दिया. ज़िंदगी में पहली बार किसी लड़की की चूत को हाथ लगाया था कंचन ने. कंचन को अच्छा लग रहा था. नीलम उसकी चूत और कंचन, नीलम की चूत सहला रहे थे.

“ कसम से कंचन, तेरे पापा सच्चे मर्द हैं. क्या फौलादी लॉडा है. तेरी मम्मी की प्यास तो अच्छी तरह बुझा देंगे. कितने प्यार से तेरी मम्मी को पूरा मज़ा दे कर चोद्ते हैं. और तेरी मम्मी भी काम कला में माहिर है. कितनी प्यार और अदा से चुदवाती है. सच, दोनो की बहुत अच्छी जोड़ी है.” नीलम ने ये कहते हुए कंचन के होंठों को चूम लिया. कंचन का बदन तो पहले ही वासना की आग में जल रहा था. अंडर से पापा मम्मी के बातों की आवाज़ आ रही थी. पापा मम्मी की चूत और मम्मी पापा का लॉडा सहला रही थी. लंड सिकुड चुक्का था फिर भी 6 इंच से कम नहीं था. अचानक नीलम बोली,

“ सुन, सुन, तेरी ही बातें हो रही हैं.” दोनो कान लगा के सुनने लगे. मम्मी कह रही थी,

“ कंचन अब जवान हो रही है. दो तीन साल में उसके लिए लड़का ढूंदना पड़ेगा.”

“ जवान हो रही है कि जवान हो चुकी है.” पापा बोले.

“ लड़कियाँ अपनी उम्र से थोड़ी बड़ी लगती हैं.”

“ लेकिन कविता, कंचन की छातिया देखी हैं तुमने ? और चूटर ? कितने भारी हो गये हैं और फैलते जा रहे हैं. कोई कह सकता है कि अभी स्कूल में ही पढ़ती होगी?”

“ आपकी बात सच है. अभी कुच्छ दिन पहले ही मैने 36 साइज़ की ब्रा ला कर दी है. पॅंटी तो खुद ही खरीद लाई थी. इतनी छ्होटी पॅंटी लाई है कि पता नहीं क्या धकति होगी. आधे बाल तो बाहर ही निकले रहते होंगे.”

“क्यों उसकी चूत पे भी तुम्हारी तरह बाल हैं?” पापा के मुँह से अपनी चूत का जिकर सुन कर कंचन शरम से लाल हो गयी. हलाकी शर्मा जी अच्छी तरह जानते थे कि उनकी बिटिया की झांटें कितनी लंबी हैं. कई बार वो उसकी पॅंटी पे चिपके हुए बाल देख चुके थे. मम्मी बोली,

“ वो तो मुझ से भी दो कदम आगे है. उसके बाल तो नाभि के थोड़ा नीचे शुरू हो जाते हैं और उसके नीचे तो पूरा जंगल है.”

“ ये सब तुमने कैसे देख लिया?”

“ अरे ये कंचन है भी तो बड़ी लापरवाह. एक दिन नाइटी में लेटी हुई नॉवेल पढ़ रही थी. नाइटी बिल्कुल ऊपर चढ़ि हुई थी क्योंकि उसने टाँगें मोड़ रखी थी. पॅंटी पहनी ही नही थी. एकदम घने काले बालों से पूरी चूत धकि हुई थी.”

“ आख़िर बेटी तो तुम्हारी ही है. लेकिन अक्च्छा है, जैसे हम तुम्हारी झांतों में खोए रहते हैं वैसे ही उसका पति भी उसकी झांतों में खोया रहेगा. कहीं तुम्हारी तरह उसे भी चुदाई का शौक हुआ तो बहुत ध्यान रखना पड़ेगा.”

“मैने उसे समझा तो दिया है की शादी से पहले कोई गड़बड़ ना हो.”

“ सिर्फ़ समझाने से काम नहीं चलेगा. उसे बताना पड़ेगा की मरद औरत से क्या चाहता है और उसे कैसे चोदता है ताकि उसे पता रहे कि मर्दों की किन हरकतों से सावधान रहना चाहिए.”

“जी, आपकी बात सही है.”

“ हां मेरी जान, तुम्हारी बेटी बिल्कुल तुम पर गयी है. उसके फैलते हुए चूतेर देख कर तो किसी का भी लंड खड़ा हो जाए.”

“ लगता है आपको अपनी बिटिया के चूतेर बहुत पसंद आ गये हैं. कहीं आपका लंड भी तो नहीं खड़ा होने लगा है अपनी बेटी के चूतेर देख के ?” मम्मी पापा के बॉल्स को दबाती हुई शरारत से मुस्कुराते हुए बोली.

“तुम तो सुचमुच पागल हो गयी हो कविता. अरे घर में आँख बंद करके तो नहीं रह सकते ना. और फिर कंचन तो हमारी बेटी है.”

“मैं तो मज़ाक कर रही थी. आपकी बात सही है. लेकिन स्कूल की ड्रेस भी तो ऐसी है. 18 साल की लड़कियो को कोई स्कर्ट पहनाई जाती है ? स्कूल में लड़के और मास्टर लोग लड़कियो की टाँगों के बीच झाँकने की ताक में रहते होंगे. मर्दों को तो मौका मिलना चाहिए लड़कियो की टाँगों के बीच में झाँकने का.”

“ तभी तो कह रहा हूँ, ऐसी अल्हड़ जवानी का फ़ायदा स्कूल में लड़कों से ज़्यादा तो मास्टर लोग उठाते है. मुझे तो डर है कि कहीं कोई मुश्टंडा मास्टर जी तुम्हारी फूल सी बेटी को चोद ना दे. ज़रा सोचो बेचारी ने अभी तक किसी मरद का लंड तक नहीं देखा होगा.”

“जी समझा दूँगी उसे. लेकिन विकी भी तो बिल्कुल आप पर गया है. उसका क्या होगा?”

“क्या मतलब? हां लंबा तगड़ा जवान है. वो तो लड़कों को होना ही चाहिए.”

“ नहीं मेरे राजा, मैं तो उसके लंड की बात कर रही हूँ. अपपके लंड से भी कहीं बड़ा और मोटा है. बिल्कुल बिजली का खंबा लगता है.” मम्मी ने पापा के लंड को सहलाते हुए कहा.

“ बाप रे कविता ! तुमने विकी का लंड कैसे देख लिया?”

“ मा हूँ ना. बच्चों के बारे में सब कुच्छ जानती हूँ. एक दिन विकी देर तक सो रहा था. मैं उसे उठाने के लिए उसके कमरे में गयी. विकी की लूँगी कमर तक चढ़ि हुई थी और लंड जाँघो पर पड़ा हुआ था. सिकुड़ी हुई हालत में भी 8 इंच लंबा तो ज़रूर रहा होगा. मैं तो घबरा के बाहर चली गयी. फिर एक दिन मैं कपड़े सुखाने जा रही थी. विकी के कमरे की खीरकी खुली हुई थी. अंडर झाँक के देखा तो मेरे होश उड़ गये. विकी शायद कोई गंदा नॉवेल पढ़ रहा था ओर अपने लंड को ज़ोर ज़ोर से हिला रहा था. लंड पूरी तरह तना हुआ था. क्या भयानक लॉडा था. दूर से ठीक से नज़र तो नहीं आया पर कम से कम एक फुट लंबा तो होगा ही. बाप रे! बिजली का खंबा लग रहा था. इतना मोटा और लंबा लंड तो किसी पिक्चर में भी नहीं देखा. आदमी का तो लगता ही नहीं था.”

“ कविता, कहीं बेटे का तो पसंद नहीं आ गया तुम्हें?”

“ कुच्छ तो शर्म करिए. जो मुँह में आता है बोलते रहते हैं. मैं उसकी मा हूँ.”

“ओ हो तुम तो नाराज़ हो गयी. देखो कविता तुम्हारे बेटे ने किसी लड़की को चोद भी दिया तो कोई बात नहीं लेकिन तुम्हारी बेटी को किसी ने चोद दिया तो अनर्थ हो जाएगा. उसे बता दो की हर हालत में उसे शादी तक अपनी चूत बचा के रखनी है.”

पापा के मुँह से अपने बदन और अपनी चुदाई की बातें सुन के कंचन शरम से पानी पानी हो रही थी लेकिन उसे एक अजीब सा मज़ा भी आ रहा था. अपने छ्होटे भाई के लंड के बारे में सुन कर कंचन तो दंग रह गयी. लोगों के छोटे भद्दे पेशाब करते लंड देख कर मूड खराब हो जाता था. यहाँ तो मोटे तगड़े लंड घर में ही मौज़ूद थे. नीलम भी पापा मम्मी की बातें सुन कर उत्तेजित थी. एक उंगली हल्के से कंचन की लार टपकाती चूत में सरकाते हुए बोली,

“हाई कंचन अपने भाई से तो दोस्ती करवा दे.”

“हट पागल, सुधीर को धोका देगी?”

पापा का लंड फिर से तन गया था.

“ अरे आपका तो फिर से खड़ा हो गया. क्या इरादा है.”

“ जिसकी बीवी की इतनी खूबसूरत चूत हो उसका और क्या इरादा हो सकता है?” ये कहते हुए पापा ने मम्मी को चूमना शुरू कर दिया. लगता था चुदाई का एक और दौर होने वाला था. इतने में मम्मी बोली,

“ एक मिनिट रुकिये, ज़रा बाथरूम हो आउ.” मम्मी ने बाथरूम का दरवाज़ा खुला ही छोड़ दिया. मम्मी की चूत से पेशाब करने की प्सस्ससस्स की आवाज़ आ रही थी. इतने में नीलम बोली,

“कंचन एक बात कहूँ बुरा तो नहीं मानेगी?”

“नहीं बोल ना.”

“ इस बार तेरे पापा का लंड तेरी याद करके खड़ा हुआ है.”

“ तेरा तो दिमाग़ बिल्कुल खराब हो गया है. मम्मी को सिकुदे हुए लंड से तो नहीं चोद सकते ना. उनका लंड खड़ा है मम्मी को चोदने के लिए.”

“तू फिर एक बार शर्त लगा ले. हार जाएगी. मैं प्रूव कर दूँगी की तेरे पापा तेरी जवानी पे फिदा होते जा रहे हैं. मैं मर्दों को बहुत अच्छी तरह से जानती हूँ.”

“ठीक है. प्रूव करके दिखा.” कंचन बोली.

“अगर मैं हार गयी तो मैं तुझे एक हज़ार रुपये दूँगी और अगर तू हार गयी तो तू अपने भाई से मेरी दोस्ती करवाएगी. बोल मंज़ूर है ?”

“मंज़ूर है.”

इतने में मम्मी बाथरूम से आ गयी और बोली,

“ कहिए मेरे राजा अब किस मुद्रा में लेंगे ?”

“हाई मेरी रानी ये ही अदा तो हमे मार डालती है. पहले तुम हमारे ऊपर खड़ी हो जाओ. ज़रा अपनी प्यारी बीवी की चूत तो देख लें.”

“हटिए भी आप तो ऐसे कह रहे हैं जैसे पहले कभी देखी ना हो.” लेकिन मम्मी पापा के बदन के दोनो तरफ टाँगें करके खड़ी हो गयी. पापा पीठ के बल लेटे हुए मम्मी की फैली टाँगों के बीच झांतों से धकि हुई चूत को निहार रहे थे. उनका लंड बुरी तरह तना हुआ था. फिर बोले,

“ आओ हमारे ऊपर बैठ जाओ. मम्मी पापा के तने हुए लंड पे बैठने लगी कि पापा बोले,

“वहाँ नहीं मेरी जान, थोडा आगे आ जाओ.” मम्मी थोड़ा और आगे हो गयी.

“और थोड़ा आगे आ जाओ.” मम्मी समझ गयी पापा उनकी चूत चाटना चाहते हैं.

“ छ्ची ! आप नहीं सुधरेंगे. मैं अभी अभी पेशाब करके आई हूँ और आप वहीं मुँह लगाना चाहते हैं. अभी तो मेरी झाँटें तक गीली हैं.” इस वक़्त मम्मी पापा की छाती के दोनो ओर टाँगें करके ऐसे बैठी हुई थी जैसे पेशाब करने की मुद्रा में बैठी हो. इस मुद्रा में मम्मी की चूत पापा की नज़रों के सामने बिकुल खुली हुई थी. घनी काली झांतों के बीच में से अभी अभी पापा के मोटे लॉड से चुदने के कारण मम्मी की चूत का छेद खुला हुआ नज़र आ रहा था. झाँटें चूत के रस और पेशाब से गीली थी. पापा ने मम्मी की विशाल चूतरो को पकड़ के उन्हें अपने मुँह पे खींच लिया. अब पापा का मुँह मम्मी की चूत के जंगल में खो गया था. धीरे धीरे मम्मी के मुँह से इश्स ..आआआ…..ईीइसस्सस्स….आईईइ…आहह की आवाज़ें आने लगी. मम्मी भी पापा के मुँह पे अपनी चूत रगड़ने लगी थी. पापा का मुँह मम्मी की मोटी मोटी जांघों के बीच मम्मी की चूत और झांतों पे लगा पेशाब और उनकी चूत का रस चाट रहा था. मम्मी सिसकारियाँ भरती हुई बोली,

क्रमशः.........

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